पिछड़ा वर्ग कल्याण
पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की स्थापना वर्ष1995 में की गई है। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अन्तर्गत वर्तमान मे पिछड़ा वर्ग कल्याण निदेशालय, उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम तथा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग स्थापित हैं।
धर्म निरपेक्षता और प्रजातांत्रिक प्रणाली को आधार मानकर भारतीय संविधान मे देश के सभी नागरिकों को जहॉ समानता का अधिकार दिया गया है वहीं समाज के कमजोर और अन्य पिछड़े वर्गो के लोगों को सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षिक रूप से ऊंचा उठाने हेतु संविधान की धारा 14, 15, 16, 335, 338, 339, 340, 341 तथा 342 का प्राविधान किया गया है। इन्हीं उद्देश्यों की पूर्ति हेतु उत्तर प्रदेश शासन द्वारा अन्य पिछडे वर्ग के हितार्थ विभिन्न कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। वर्ष 95-96 तक यह कार्यक्रम प्रदेश के समाज कल्याण विभाग द्वारा चलाये जा रहे थे। उत्तर प्रदेश की लगभग 54 प्रतिशत (सामाजिक न्याय समिति के अनुसार) जनसंख्या पिछड़े वर्ग की है और इतनी बड़ी जनसंख्या के विकास एवं कल्याण हेतु नि:संदेह ही एक स्वतंत्र विभाग की आवश्यकता का अनुभव बहुत पहले से किया जा रहा था। अत: वर्ष 1995-96 में उत्तर प्रदेश शासन के शासनादेश संख्या 4056 /बीस-ई-1-95-539(2)/95, दिनांक 12 अगस्त, 1995 द्वारा पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की स्थापना स्वतंत्र रूप से की गयी।
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अन्तर्गत वर्तमान मे पिछड़ा वर्ग कल्याण निदेशालय, उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम लि० तथा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग संचालित है।
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन का शासनादेश संख्या 22 / 16 / 92 – कार्मिक, दिनांक 09 मार्च, 1993 द्वारा किया गया था जो राज्याधीन सेवाओं मे पिछड़े वर्ग हेतु अनुमन्य आरक्षण सुनिश्चित कराने तथा पिछड़े वर्ग की सूची मे अपेक्षित जातियों का समावेश करने अथवा निष्कासित करने की संस्तुति शासन को भेजने का कार्य कर रहा है। वर्तमान में 79 जातियॉ पिछड़ी जाति के रूप में अधिसूचित हैं। जो परिशिष्ट -1 (28.2KB) में उपलब्ध हैं।
उ०प्र० पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम की स्थापना शासनादेश संख्या 3459 / 26 – 3 – 89 -9 (51) 89, दिनांक 20 सितम्बर,1989 द्वारा की गयी हैं, जो पिछड़े वर्ग के कमजोर लोगों के आर्थिक उत्थान हेतु परियोजनाएं स्थापित करने के लिए उन्हे ऋण उपलब्ध कराने का कार्य कर रहा है।
पिछड़े वर्गो के उत्थान के लिए शिक्षा का स्थान सर्वोपरि है। शिक्षा के अभाव के कारण ही कोई वर्ग पिछड़ा रह जाता है। भारत के स्वतंत्रता प्राप्ति की लम्बी अवधि के बाद भी अन्य पिछड़े वर्गो के शैक्षिक स्तर में अभी तक अपेक्षित सुधार नहीं हुआ है। शिक्षा के स्तर में सुधार करने के लिए कई प्रयत्न किये गये हैं। वर्तमान में पिछड़े वर्गो के विकास के लिए शैक्षिक कार्यक्रमों के अन्तर्गत पूर्वदशम् छात्रवृत्ति, दशमोत्तर छात्रवृत्ति एवं छात्रावास निर्माण के साथ दशमोत्तर कक्षाओं के लिए प्रवेश शुल्क प्रतिपूर्ति तथा बेरोजगार युवक/युवतियों के कम्प्यूटर प्रशिक्षण देने हेतु स्वैच्छिक संस्थाओं को भारत सरकार से अनुदान दिलाये जाने की योजनाएँ भी संचालित की जा रही हैं।
अधिकारी | मण्डल/जनपद | दूरभाष सं० | ईमेल |
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उपनिदेशक, पिछड़ा वर्ग कल्याण | प्रयागराज मण्डल | 9076600511 | allahabadddbcw[at]gmail[dot]com |
जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी | प्रयागराज | 9076600535 | dbcwoallahabad[at]gmail[dot]com |
जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी | कौशाम्बी | 9076600536 | dbcwokaushambi[at]gmail[dot]com |
जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी | प्रतापगढ़ | 9076600537 | dbcwopratapgarh[at]gmail[dot]com |
जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी | फतेहपुर | 9076600538 | dbcwofatehpur[at]gmail[dot]com |