डिजीलॉकर
डिजीलॉकर डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) की एक प्रमुख पहल है। डिजीलॉकर का उद्देश्य नागरिकों के लिए ‘डिजिटल सशक्तिकरण’ प्रदान करना है । यह नागरिकों के प्रामाणिक डिजिटल दस्तावेज़ों के लिए “डिजिटल दस्तावेज़ वॉलेट” प्रदान करता है । डिजीलॉकर प्रणाली में जारी किए गए दस्तावेजों को सूचना प्रौद्योगिकी के नियम 9A के तहत (डिजिटल लॉकर सुविधाएं प्रदान करने वाले बिचौलियों द्वारा संरक्षण और सूचना का प्रतिधारण) नियम 2016, 8 फरवरी 2017 को अधिसूचित जी.एस.आर.711 (ई) में मूल भौतिक दस्तावेजों के समतुल्य मान्यता दी गई है।
डिजिलॉकर के लाभ
नागरिकों को लाभ
- महत्वपूर्ण दस्तावेज कहीं भी, कभी भी उपलब्ध!
- कानूनी रूप से मूल दस्तावेजों के समतुल्य प्रामाणिक दस्तावेज ।
- नागरिकों की सहमति से डिजिटल दस्तावेज प्रदान ।
- तेज़ सेवा वितरण- सरकारी लाभ, रोज़गार, वित्तीय समावेशन, शिक्षा, स्वास्थ्य।
एजेंसियों को लाभ
- प्रशासनिक कार्यभार को कम करना: कागज रहित शासन की अवधारणा पर लक्षित, यह कागज के उपयोग और कागजी सत्यापन प्रक्रिया को कम करके प्रशासनिक कार्यभार में कमी लाता है।
- डिजिटल परिवर्तन: जारी किए गए विश्वसनीय दस्तावेज़ प्रदान करता है। डिजीलॉकर के माध्यम से जारी किए गए दस्तावेज़ सीधे जारी करने वाली एजेंसिओं से प्राप्त किए जाते हैं।
- सुरक्षित दस्तावेज़ प्रवेश द्वार (गेटवे): नागरिकों की सहमति से यह एक सुरक्षित दस्तावेज़ विनिमय प्लेटफॉर्म के रूप में विश्वसनीय जारीकर्ता और विश्वसनीय अनुरोधकर्ता / सत्यापनकर्ता के बीच भुगतान गेटवे के रूप में कार्य करता है ।
- वास्तविक समय सत्यापन: यह उपयोगकर्ता से सहमति प्राप्त करने के बाद जारीकर्ता से सीधे सत्यापित डेटा सरकारी एजेंसियों को सत्यापन मॉड्यूल के लिए प्रदान करता है।
पर जाएँ : https://digilocker.gov.in/
पता : डिजिटल इंडिया कार्पोरेशन (डी०आई०सी०),
नेशनल ई-गवर्नेंस डिविजन (एन०ई०जी०डी०),
इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय,
चौथा तल, 6, सीजीओ कॉम्प्लेक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स निकेतन
लोधी रोड, नई दिल्ली - 110003