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    मंडलायुक्त की अध्यक्षता में आबकारी, विधि एवं कानून व्यवस्था की मंडलीय समीक्षा बैठक संपन्न हुई

    प्रकाशित तिथि: जुलाई 13, 2021
    आबकारी एवं विधि और कानून व्यवस्था की मण्डलीय समीक्षा बैठक

    अवैध शराब बनाने व बेचने से संबंधित माफियाओं एवं उनके परिवारजनों/संबंधियों को लाइसेंस ना मिले यह सुनिश्चित कराने के दिए निर्देश।

    प्रभावी प्रॉसीक्यूशन हेतु आबकारी, डीजीसी एवं पुलिस विभाग बेहतर समन्वय बनाकर प्रवर्तन की कार्यवाही सुनिश्चित कराएं।

    मंडलायुक्त श्री संजय गोयल की अध्यक्षता में आबकारी एवं विधि और कानून व्यवस्था की मंडलीय समीक्षा बैठक आज गांधी सभागार में संपन्न हुई जिसमें आपराधिक बैकग्राउंड वाले व्यक्तियों के साथ उनके परिजनों को भी आबकारी लाइसेंस ना मिले यह सुनिश्चित कराने हेतु और बेहतर बैकग्राउंड जांच प्रणाली विकसित करने पर जोर दिया गया।

    मंडलायुक्त ने कहा की आपराधिक गतिविधियों मे लिप्त सभी व्यक्तियों के परिजनों को आबकारी लाइसेंस हेतु आवेदन करने से रोकने के दृष्टिगत सभी अपराधियों के फैमिली लिंक्स को और गंभीरता से ट्रेस करने की आवश्यकता है। उन्होंने सुझाव दिया की इस कार्य हेतु अपराधियों/संदिग्ध व्यक्तियों के बैंक खातों की डिटेल्स निकलवा कर पुलिस एवं आबकारी विभाग द्वारा बैकग्राउंड की जांच भी की जा सकती है। मंडलायुक्त के अनुसार इस तरह की जांच प्रक्रिया विकसित करने से दागी व्यक्तियों एवं उनके परिजनों में संबंध स्थापित करना आसान हो सकता है।

    इसके अतिरिक्त मंडल के कुख्यात अवैध शराब माफियाओं की जनपदवार समीक्षा करते हुए उन्होंने लंबी अवधि से इस धंधे में लिप्त कुख्यात अपराधियों के विरुद्ध कनविक्शन रेट बढ़ाने हेतु आबकारी, डीजीसी एवं पुलिस विभाग को और बेहतर समन्वय बनाकर प्रवर्तन की कार्यवाही सुनिश्चित कराने को भी कहा। भू माफियाओं के चिन्हीकरण एवं उनसे जुड़ी कार्यवाही पर चर्चा करते हुए मंडलायुक्त ने जिन प्रकरणों में विवेचना हो चुकी है उन प्रकरणों की समीक्षा कर उनका निस्तारण पोर्टल पर भी अपडेट करवाने के निर्देश दिए।

    पुलिस महानिरीक्षक, श्री के पी सिंह, ने जनपद स्तर पर प्रवर्तन के कार्यों को और प्रभावी बनाने के दृष्टिगत नोडल अफसर नियुक्त करने का सुझाव दिया जिससे सभी प्रवर्तन कार्य बेहतर समन्वय के साथ किए जा सकेंगे।

    पुलिस उपमहानिरीक्षक, प्रयागराज, श्री सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने शराब माफियाओं एवं उनके परिजनों को आबकारी आवेदन से दूर रखने के दृष्टिगत सीसीटीएनएस का प्रयोग कर संदिग्ध व्यक्तियों का बैकग्राउंड चेक करने का सुझाव दिया। साथ ही कनविक्शन रेट को और मजबूत बनाने हेतु अधिकारियों से अपराधियों के बैकग्राउंड के बारे में न्यायपालिका को भी अवगत कराने का सुझाव दिया।

    बैठक में जिलाधिकारी, प्रतापगढ़, श्री नितिन बंसल, जिलाधिकारी, प्रयागराज, श्री संजय खत्री, जिलाधिकारी, कौशांबी, श्री सुजीत कुमार, जिलाधिकारी, फतेहपुर, श्रीमती अपूर्वा दुबे, पुलिस अधीक्षक, नगर, श्री दिनेश कुमार सिंह समेत अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।