स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन
स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग उत्तर प्रदेश सरकार का एक महत्वपूर्ण विभाग है। इस विभाग द्वारा प्रमुखतः अचल सम्पत्ति के लेखपत्रों के रजिस्ट्रीकरण का कार्य किया जाता है। इसके अतिरिक्त पक्षकारों के विकल्प पर अन्य प्रकार के लेखपत्रों की भी रजिस्ट्री की जाती है। लेखपत्रों की रजिस्ट्री के अतिरिक्त यह विभाग रजिस्ट्रीकृत लेखपत्रों को संरक्षण करता है और लेखपत्रों को जनसाधारण हेतु सुलभ बनाता है।
स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग का कार्य प्रमुखतः दो अधिनियमों–रजिस्ट्रेशन अधिनियम 1908 एवं भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 के अन्तर्गत किया जाता है। रजिस्ट्रीकरण अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार विभाग द्वारा लेखपत्रों की रजिस्ट्री की जाती है। रजिस्ट्री के उपरान्त लेखपत्रों का संरक्षण किया जाता है तथा आवश्यकतानुसार साक्ष्य अथवा अन्य प्रयोजन से संरक्षित लेखपत्रों की प्रतियां न्यायालय एवं जनसामन्य को उपलब्ध करायी जाती है।
यह विभाग भारतीय स्टाम्प अधिनियम के अन्तर्गत लेखपत्रों पर देय स्टाम्प शुल्क की वसूली का कार्य भी करता है। उ०प्र० सरकार के राजस्व अर्जन में स्टाम्प शुल्क एक प्रमुख स्त्रोत है।
विभाग द्वारा जनसामान्य को प्रदत्त सुविधायें
- उप निबन्धक कार्यालयों में जनसामान्य द्वारा प्रस्तुत लेखपत्रों का रजिस्ट्रीकरण।
- उप निबन्धक कार्यालयों में रजिस्ट्रीकृत लेखपत्रों की इन्डैक्सिंग। इन्डैक्सिंग में उप निबन्धक कार्यालयों में लेखपत्र के पक्षकारों के नामवार एवं सम्बन्धित सम्पत्ति की क्षेत्रवार सूचियां तैयार करके इन्हें जनसामान्य के उपयोगार्थ उपलब्ध कराया जाता है।
- लेखपत्रों की सत्यापित प्रति⁄नकल मा० न्यायालय एवं जनसामान्य को उपलब्ध कराना।
- भार मुक्ति प्रमाण–पत्र– किसी अचल सम्पत्ति के सम्बन्ध में विगत वर्षो में जनसामान्य के मध्य कोई संव्यवहार यदि रजिस्ट्रीकृत कराया गया है अथवा सम्पत्ति का कोई बन्धक पत्र रजिस्ट्रीकृत कराया गया है तो सम्बन्धित प्रमाण पत्र उप निबन्धक कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है।
- हिन्दू विवाह पंजीकरण– हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 के प्रावधानो के अधीन उप निबन्धक कार्यालयों द्वारा हिन्दू विवाहों के पंजीकरण का कार्य किया जाता है। वर्तमान में प्रदेश के उप निबन्धक कार्यालयों में ऑन लाइन हिन्दू विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया स्थापित कर दी गयी है।
- कृषि भमि के विक्रय पत्रों अथवा दानपत्रों की सत्यापित प्रतियां उप निबन्धक कार्यालयों द्वारा सम्बन्धित तहसील के राजस्व कार्यालय को दाखिल–खारिज हेतु निःशुल्क उपलब्ध करायी जाती है।
- जिला निबन्धक कार्यालयों द्वारा जनसामान्य के वसीयतनामे जमा कराये जाने पर इन्हें संरक्षित रखा जाता है।
- बीमारी अथवा वृद्धावस्था आदि के कारण यदि कोई निष्पादक अपने लेखपत्र के प्रस्तुतीकरण हेतु अथवा लेखपत्र निष्पादन को स्वीकार करने हेतु उप निबन्धक कार्यालय जाने में असमर्थ है तो ऐसी दशा में कार्यालय द्वारा इस सम्बन्ध में प्रमाण सहित आवेदन किये जाने पर निष्पादक के निवास स्थान पर लेखपत्र के प्रस्तुतीकरण एवं निष्पादन की स्वीकारोक्ति की प्रक्रिया सम्पन्न की जाती है।
संपर्क सूत्र
वेबसाइट: www[dot]igrsup[dot]gov[dot]in