राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का उददेश्य ग्रामीण गरीब परिवारों को देश की मुख्य धारा से जोड़ना और विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये उनकी गरीबी दूर करना है एवं गरीब ग्रामीणों को सक्षम और प्रभावशाली संस्थागत मंच प्रदान कर उनकी आजीविका में निरंतर वद्धि करना, वित्तीय सेवाओं तक उनकी बेहतर और सरल तरीके से पहुंच बनाना और उनकी पारिवारिक आय को बढ़ाना है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ग्रामीण गरीब महिलाओं की स्थाई एवं सशक्त संस्थाओं (स्वयं सहायता समूह, ग्राम संगठन, क्लस्टर लेवल फेडरेशन) का निर्माण कर गरीबी कम करने का कार्यक्रम है। वर्ष 2013 से एन0आर0एल0एम0 योजना एस0जी0एस0वाई0 को संशोधित एवं परिवर्तित कर लागू की गई है।
स्वयं सहायता समूह का गठन- ग्रामीण क्षेत्र की 10-20 गरीब महिलाओं को संगठित कर स्वयं सहायता समूह का निर्माण किया जाता है, जिनकी अपनी उपविधि होती है। समूह की महिलाएं आपस में ही समूह की पदाधिकारी अध्यक्ष, सचिव एवं कोषाध्यक्ष का चयन करती हैं। दो से तीन माह के उपरान्त समूह का बचत खाता नजदीकी बैंक शाखा में खोला जाता है।
ग्राम संगठन- 06 से 15 समूहों को मिलाकर ग्राम संगठन का निर्माण किया जाता है। ग्राम संगठन से जुड़े हुए सभी समूहों के सभी पदाधिकारी पदेन ग्राम संगठन के प्रतिनिधि निकाय के सदस्य होते हैं, जिनमें से अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष सहित पांच पदाधिकारियों का चयन किया जाता है। ग्राम संगठन समूहों पर नियन्त्रण करने वाली एवं उनका सहयोग करने वाली संस्था है।
संकुल स्तरीय संघ (सी0एल0एफ0)- प्रत्येक विकास खण्ड को तीन से 04 क्लस्टर में विभक्त किया जाता है। प्रत्येक क्लस्टर में गठित समस्त ग्राम संगठनों को मिलाकर सी0एल0एफ0 का गठन होता है। सी0एल0एफ0 में भी अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष सहित कुल पांच पदाधिकारी होते हैं। सी0एल0एफ0 अपने अधीन गठित एस0एच0जी0 एवं वी0ओ0 के नियंत्रण, समन्वय, क्षमता वर्धन के साथ-साथ बड़ी आर्थिक परियोजनाओं के संचालन हेतु सक्षम संस्था है।
स्टार्ट अप फण्ड – समूह गठन के उपरान्त समूहों कां बुक्स ऑफ रिकार्ड, दरी, बक्सा आदि क्रय हेतु 1500/-, ग्राम संगठन की कार्यालय स्थापना हेतु 75000/- एवं सी0एल0एफ0 कार्यालय हेतु 350000/- का प्रावधान है।
रिवाल्विंग फण्ड- उ0प्र0 राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की तरफ से ग्रेडिंग में उत्तीर्ण प्रत्येक समूह को गठन के तीन माह उपरान्त रू0 15000.00 की धनराशि सीधे समूह के खाते में हस्तान्तरित की जाती है। रिवाल्विंग फंड समूह की महिलाओं को अपनी दिन प्रतिदिन की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु प्रदान की जाती है।
माइक्रो क्रेडिट प्लान एवं कम्यूनिटी इन्वेस्ट फण्ड (सी0आई0एफ0)- इन्टेन्सिव विकास खण्ड में समूह की माइक्रो क्रेडिट प्लान के उपरान्त उ0प्र0 राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की तरफ से अधिकतम रू0 1,10,000.00 (एक लाख दस हजार) सी0आई0एफ0 की धनराशि प्रदान की जाती है। समूह के सदस्यों को सूक्ष्म नियोजन के आधार पर मांग की गई राशि के आधार पर व्यक्तिगत उपभोग एवं आजीविका संवर्धन हेतु सी0आई0एफ0 की राशि प्रदान की जाती है।
बैंक लिंकेज- छः माह पुराने समूह जो ग्रेडिंग में उत्तीर्ण होते हैं, उनका आर0बी0आई0 की गाईड लाईन के अनुसार सम्बन्धित बैंक की तरफ से 5 लाख रू0 का सेंकशन एवं प्रथम डोज के रूप में 1 लाख रू0 का डिसबर्समेंट किया जाता है। जिस पर ब्याज मात्र 07 प्रतिशत देय होता है। नियमित समय पर ऋण की राशि वापस करने पर ब्याज में 03 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट प्रदान की जाती है।
लाइवलीहुड फण्ड- सक्रिय ग्राम संगठनों द्वारा उनके मांग के क्रम में प्रथम किस्त के रूप में 2 लाख रू0 सम्बन्धित ग्राम संगठन के खाते में सीधे हस्तान्तरित किया जाता है।
कस्टम हाईरिंग सेंटर- ग्राम संगठन स्तर पर कृषि यन्त्रों का एक पूल बनाने हेतु प्रथम किस्त के रूप में 2 लाख रू0 सम्बन्धित ग्राम संगठन के खाते में सीधे हस्तांतरित किया जाता है।
जोखिम निवारण निधि (वी0आर0एफ0)- समूह के ऐसे सदस्य जो वलनरेबल हैं उनको सहायता प्रदान करने हेतु ग्राम संगठन के प्रति सदस्य अनुसूचित जाति/जनजाति हेतु 2250/- एवं प्रति समान्य सदस्य हेतु 1500/- का प्रावधान किया गया है।
महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना (एम0के0एस0पी0)- विकास कोरांव एम0के0एस0पी0 के रूप में चयनित है जहां अबतक 3500 महिला किसानों का प्रशिक्षित किया जा चुका है।
संपर्क सूत्र:
कार्यालय: कार्यालय उपायुक्त (स्वतः रोजगार), राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, जनपद प्रयागराज।
ईमेल:: nrlm[dot]allahabad[at]gmail[dot]com